
लखनऊ- उत्तर प्रदेश की राजधानी, अपने नवाबी अंदाज, ऐतिहासिक धरोहरों और स्वादिष्ट भोजन के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। लखनऊ लोगो के लिए सिर्फ घूमने की जगह ही नहीं यह लोगों का इमोशन है, यह शहर एक तरफ जहां इतिहास की कहानियां सुनाता है, वहीं दूसरी तरफ आधुनिकता की झलक भी दिखाता है। यहां की गलियों में इतिहास की खुशबू है, यहाँ के आधुनिक मॉल और कैफे लोगों को बहुत आकर्षित करते हैं। यहाँ जाने के बाद अपने आप को बहुत ही अच्छा महसूस करेंगे। अगर आप लखनऊ घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आइए जानते हैं लखनऊ में घूमने के लिए 10 सबसे अच्छी जगहें के बारे में।
1. बड़ा इमामबाड़ा

लखनऊ शहर की जब भी बात होती है, तो सबसे पहले जिसका नाम आता है वो है बड़ा इमामबाड़ा। यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि नवाबी दौर की संस्कृति और वास्तुकला का प्रतीक भी है। इतिहास, रहस्य और स्थापत्य कला में रुचि रखने वालों के लिए बड़ा इमामबाड़ा एक अनमोल धरोहर है, जहाँ बहुत दूर-दूर से लोग देखने आतें हैं।
बड़ा इमामबाड़ा का निर्माण 1784 में लखनऊ के नवाब असफ-उद-दौला द्वारा करवाया गया था। उस समय क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ा था। नवाब ने निर्माण कार्य शुरू करवाया ताकि लोगों को रोजगार मिले और वह महानपूर्वक जीवन यापन कर सकें। कहा जाता है कि दिन में मजदूर काम करते थे और रात में नवाब के आदेश पर कुछ लोग उस काम को फिर से गिरा देते थे, ताकि रोज़गार बना रहे।
स्थान: हुसैनाबाद रोड, लखनऊ
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक
2. रूमी दरवाज़ा

बड़ा इमामबाड़ा के पास ही स्थित यह विशाल दरवाज़ा लखनऊ की पहचान बन चुका है। इसे भारतीय कला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। इसे रात के समय देखना और भी खूबसूरत अनुभव होता है। जैसे ही आप लखनऊ पहुंचते हैं तो ये गेट देखकर आपका मन मोहक हो जायेगा।
रूमी दरवाज़ा का निर्माण 1784 में अवध के नवाब असफ-उद-दौला द्वारा करवाया गया था। उस समय भयंकर अकाल पड़ा था और नवाब ने इस दरवाज़े का निर्माण कार्य शुरू करवाया ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। यह दरवाज़ा केवल एक सजावटी गेटवे नहीं था, बल्कि यह लखनऊ के पुराने शहर का प्रवेश द्वार भी माना जाता था। यह देखने में बहुत ही आकर्षण लगता हैं।
स्थान: हुसैनाबाद रोड, लखनऊ (बड़ा इमामबाड़ा के सामने)
समय: सप्ताह के पुरे दिन खुला रहता है।
3. छोटा इमामबाड़ा

छोटा इमामबाड़ा, जिसे हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है, लखनऊ की सबसे भव्य और आकर्षक इमारतों में से एक है। इसकी चमचमाती दीवारें, नक्काशीदार सजावट और रौशनी में नहाई हुई वास्तुकला इसे एक जादुई एहसास देती है। जोकि देखने में बहुत ही बेहद लगता है।
इसका निर्माण 1838 में अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह ने करवाया था। यह इमामबाड़ा मुख्य रूप से शिया मुसलमानों के धार्मिक आयोजन मुहर्रम के लिए बनाया गया था, जहाँ इमाम हुसैन और करबला के शहीदों की याद में मजलिसें और मातम का आयोजन होता है।
स्थान: हुसैनाबाद, लखनऊ (बड़ा इमामबाड़ा से लगभग 1 किमी की दूरी पर स्तिथ है)
समय:सुबह 6:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
4. हजरतगंज मार्केट

हजरतगंज, लखनऊ का दिल कहा जाए। यह मार्केट शहर का सबसे लोकप्रिय और व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र है, जहाँ पारंपरिक नवाबी ठाठ और आधुनिक फैशन का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। अगर आप लखनऊ घूमने आए हैं, तो हजरतगंज बिना देखे जाना एक अधूरी यात्रा मानी जाती है।
हजरतगंज का नाम नवाब अमजद अली शाह के समय से जुड़ा है, जिनका उपनाम “हजरत” था। उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम हजरतगंज पड़ा। ब्रिटिश काल में इसे ‘Queens Way’ के नाम से जाना जाता था, और यहाँ अंग्रेजों की एलीट क्लास शॉपिंग किया करती थी। समय के साथ यह स्थान लखनऊ का एक सांस्कृतिक और शहरी प्रतीक बन गया, जिसे आज हम लोग हजरत गंज मार्केट के नाम से जानते हैं।
स्थान: लखनऊ में हजरत गंज मार्केट
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक
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5. अंबेडकर पार्क

डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक स्थल, लखनऊ का एक भव्य और प्रेरणादायक स्मारक है, जो समाज सुधारक डॉ. अंबेडकर के विचारों और संघर्ष को समर्पित है। यह स्थल सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संविधान और सामाजिक न्याय के प्रतीकों का सम्मान है। अगर आप लखनऊ आए हैं, तो यह पार्क एक बार जरूर देखना चाहिए। जोकि देखने में बहुत अच्छा लगता है।
इस पार्क का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2008 में कराया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय समाज में समानता, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के लिए कार्य करने वाले महान नेताओं की स्मृति को चिरस्थायी बनाना था।
स्थान: विपिन खंड, गोमती नगर, लखनऊ
समय: सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (सोमवार बंद रहेगा)
6. लखनऊ चिड़ियाघर

लखनऊ चिड़ियाघर, जिसे आधिकारिक रूप से “नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान” कहा जाता है, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का एक प्रमुख और आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह बच्चों, परिवारों, स्कूल टूर और पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक शानदार स्थान है जहाँ मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा भी मिलती है।
लखनऊ चिड़ियाघर की स्थापना 29 नवंबर 1921 को की गई थी, और इसका नाम तत्कालीन अवध के नवाब वाजिद अली शाह के नाम पर रखा गया है। यह देश के सबसे पुराने और बड़े प्राणी उद्यानों में से एक है। शुरुआत में इसे प्रिंस ऑफ वेल्स ज़ू कहा जाता था।
स्थान: हजरतगंज से करीब 1.5 किलोमीटर दूर, बनारसी बाग, लखनऊ
समय: सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक
7. रेज़ीडेंसी

रेज़ीडेंसी- लखनऊ का एक ऐतिहासिक स्थल है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के पहले युद्ध 1857 की क्रांति का मूक साक्षी रहा है। यह स्थल न केवल ब्रिटिश औपनिवेशिक काल की याद दिलाता है, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीरों की शौर्यगाथा भी सुनाता है।
रेज़ीडेंसी का निर्माण नवाब आसफ़-उद-दौला के शासनकाल में 1780 से 1800 के बीच हुआ था। यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रेज़िडेंट जनरल का निवास स्थल था, जो अवध के नवाब के दरबार में ब्रिटिश प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत थे।
स्थान: कैसरबाग, लखनऊ
समय: सुबह या शाम का समय भ्रमण के लिए उत्तम है।
8. जनेश्वर मिश्र पार्क

एशिया के सबसे बड़े पार्कों में से एक, यह जगह खासकर सुबह की वॉक और शाम की सैर के लिए बेहतरीन है। यहाँ बोटिंग, साइकलिंग और बच्चों के लिए खेलने की जगहें हैं। जनेश्वर मिश्र पार्क, लखनऊ के गोमती नगर में स्थित एक विशाल और सुंदर शहरी पार्क है, जो न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा पार्क माना जाता है।
इस पार्क की आधारशिला 6 अगस्त 2012 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा रखी गई थी। यह परियोजना समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव का सपना थी, जिन्होंने अपने पुत्र से इसे जनेश्वर मिश्र के नाम पर समर्पित करने का आग्रह किया था।
स्थान: गोमती नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226010
समय: सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
9. साहू की चाय

साहू की चाय, लखनऊ की एक प्रतिष्ठित चाय दुकान है, जो अपने विशेष स्वाद और गुणवत्ता के लिए जानी जाती है। यहाँ की चाय न केवल स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध है, बल्कि शहर के बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। जोकि लखनऊ का प्रसिद्ध चाय का स्थान है।
लखनऊ में साहू की चाय कई स्थानों पर उपलब्ध है, लेकिन इन सभी का उद्देश्य एक ही है: ग्राहकों को बेहतरीन चाय का अनुभव प्रदान कराना। यहाँ की चाय की विशेषता इसकी गुणवत्ता, स्वाद अलग जी मजा देती है।
स्थान: एल्डेको पुल के पास, कासा ग्रीन, बंगला बाजार, लखनऊ
समय: सुबह 11:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक
10. क्लॉक टावर

लखनऊ का घंटाघर, जिसे हुसैनाबाद क्लॉक टावर भी कहा जाता है, भारत का सबसे ऊँचा घंटाघर है और लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह संरचना न केवल वास्तुकला की दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि यह शहर के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है।
टाघर का निर्माण 1881 में नवाब नासिर-उद-दीन हैदर के शासनकाल में हुआ था। इसका उद्देश्य सर जॉर्ज कूपर, जो अवध और उत्तर-पश्चिम प्रांतों के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर थे।
स्थान: हुसैनाबाद क्षेत्र, लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
समय: हर दिन खुला रहता है और इसे देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
निष्कर्ष
लखनऊ एक ऐसा शहर है जहाँ इतिहास, संस्कृति, और स्वाद तीनों का बेहतरीन संगम देखने को मिलता है। चाहे आप परिवार के साथ घूम रहे हों या दोस्तों के साथ, यह शहर हर किसी को कुछ खास देने में सक्षम है। अगर आपने अब तक लखनऊ नहीं देखा है, तो अगली छुट्टी में इस नवाबी शहर की सैर जरूर करें। जो आपको बहुत ही अच्छा महसूस कराएगा।

मेरा नाम शोभित है। मुझे यात्रा करना और दुनिया को करीब से जानना बेहद पसंद है। नए-नए स्थानों को खोजना, वहाँ की संस्कृति को समझना और अलग-अलग लोगों से मिलना मेरा शौक है। सफर के दौरान नई कहानियाँ, नए अनुभव और अनगिनत यादें बनाना मुझे बेहद खुशी देता है। मेरे लिए यात्रा सिर्फ घूमना नहीं, बल्कि जीवन को एक नए नजरिए से देखना है। उम्मीद करता हूँ मेरे द्वारा ब्लॉग आपको बेहद पसंद आएंगे।
